विश्व गुरु महान बनने चला, टेलीप्रॉन्पटर के बिना तो मुंह खुलता नहीं, मोदी की यूक्रेन युद्ध में अपनी औकात देख ली

अजमेरा उवॉच काश ये 56 इंची सीना नहीं छाती होती तो उसे बच्चों का दर्द समझ में आता। फिर चिरकुट को अपने ऊपर विश्वास नहीं था, कि वो बीवी पालकर बच्चे पैदा करके घर चला पाएगा तो अपनी व्याहता भी छोड़ दी। यहां वहां मुंह मारके भी जिंदगी चल रही है बहुत बड़ा विश्व गुरु महान बनने चला था। जाहिल चांडाल टेलीप्रॉन्पटर के बिना तो मुंह खुलता नहीं है। आईटी सेल के टुकड़खोर पिल्लों, उस आपराधिक मानसिकता के वाचाल भेड़िये की तारीफ में कसीदे मत पढ़ा करो। अपनी औकात में रहना सीखो। आ गई सामने उस मोदी मेमने की यूक्रेन युद्ध में अपनी औकात देख ली। अब बस नहीं चल रहा तो बकवास लिख कर जनता को भ्रमित मत करो। बोलो यूक्रेन की जनता को सलाह दें। ताली थाली बजाकर घंटा और शंख बजाकर गो रूस गो रूस चिल्लाएं। फर्जी कोरोना तो दिख नही रहा था। रूस की सेना और पुतीन तो दिख रहा है। चुरकट नौटंकीबाज मोदी का दोस्त है, थोड़ा सा भी पुतीन के साथ संबंध है, बड़े गले मिलने की फोटो खिंचवाई थी। दुहाई दे‌‌। अपने संबंधों की, खानदानी रेलवे का चोरी कर कबाड़ा बेचने वाले चुरकट, ट्रंप के साथ गलबहियां करने, वहां से मोटे कमीशन पर लाखों करोड़ के कबाड़ा हथियार खरीदने के कारण, जब पुतीन ने मोदी की फाड़ के हड़काया, तो फटी में वहां भी जनता के लूट के पैसे से, समय बाधित, कबाड़ हो चुकी s400 मिसाइल व अन्य हथियारों का कबाड़ा खरीद खुश करने गया था। इस खोखले जाहिल भेड़िए को दुनिया का कौन सा समझदार नेता मुंह लगाता है। ट्रंप तो व्यापारिक राष्ट्र पति था उसे तो ऐसे ही मूर्ख खरीददार हल्ला मचाने वाले चाहिए थे। पर वाइडेन के राष्ट्रपति बनते ही औकात समझ में आ गई। जबरदस्ती अमेरिका गए भी तो पिछले दरवाजे से घुसे और पिछले दरवाजे से ही हड़का कर भगा दिए गए। फिर 8.5 हजार करोड़ अर्थात 2 जहाज 17 हजार करोड़ के खरीदे वह तुम्हारे बाप की जागीर है। जिसका उपयोग तुम्हारी व्यक्तिगत संपत्ति की तरह केवल तुम ही करोगे। अब एयरइंडिया तो भूखे भेड़ियों बेच दिया कबाड़े में। दूसरी तरफ यह उन भ्रष्ट नौकरशाह, पेशेवर मध्यमवर्गीय लोगों के बच्चे हैं। जो भारत की प्रवेश परीक्षा पास कर नहीं सकते तो दो नंबर के पैसे से विदेशों में पढ़ने गए थे। अब यदि उसमें कोई भारतीय प्रताड़ना सेवा का अधिकारी या भेडियो झुंड पार्टी के किसी सांसद या मंत्री की, किसी मोटा चंदा देने वाले पूंजीपति की औलाद होती तो मोदी पहल करता। ऐसा कोई नहीं है इसलिए उन्हें वहां से निकलने की कोई जद्दोजहद नहीं करेगा। और आईटी सेल के पिल्लों शब्दों का उतना ही दुरुपयोग करो ताकि तुम्हारा भविष्य सुरक्षित रह सके। क्योंकि मोदी 72-3 साल का हो गया है। अगर जनता की बद्दुआओं व पाप का घड़ा नहीं फूटा और अकाल मौत नहीं हुई। तो 5-10 साल और जी लेगा। इसको समझो। ज्यादा उल्टी सीधी फांक कर बेहतर होगा चुप बैठो। प्रस्तुति प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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