भय मत बांटिये डरिए मत डराइए मत।बीमारी का भय फैला कर, मानसिक रूप से कमजोर कर देश और दुनिया के सारे छोटे व्यवसाय को समाप्त कर लूट का षडयंत्र
बड़ा दुख होता है, जब पढ़े-लिखे समझदार लोग भय के इस व्यवसाय के लपेटे में आ जाते हैं। पिछले 22 महीने से लगातार गालियां बक कर, प्यार से, डरा कर धमका कर समझा रहा हूं कि कोई बीमारी नहीं सारी बीमारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बिकी हुई सरकार और मीडिया 24 घंटे मोबाइल टीवी समाचार पत्रों में बीमारी का भय फैला कर, मानसिक रूप से कमजोर कर देश और दुनिया के सारे छोटे व्यवसाय को समाप्त कर लूट का षडयंत्र है। मेरी कोई बात गलत भी नहीं हुई इसके बावजूद भी शिक्षित पढ़े लिखे समझदार पर मानसिक रूप से कमजोर लोग डरते हैं और जनता को भी डराते हैं। आखिर कब तक चलेगा यह पाखंड। दिमाग से मजबूत बनो। अपने आप को परिवार को अपने साथियों को किसी भी प्रकार से डराओ मत। अगर 22 मार्च 2020 के पहले बीमारियां नहीं थी। तो देश और दुनिया में चारों तरफ इतने निजी और सरकारी अस्पताल क्यों थे? क्या सब कसाईयो व वेश्यावृत्ति के अड्डे ही है। जहां बीमारी के इलाज नहीं, किया जाता। फिर हर बदलते मौसम में सर्दी खांसी बुखार होना सामान्य घटना है। सर्दी खांसी जन्य 20 से ज्यादा बीमारियां कहां गायब हो गई? स्वयं सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय की साइट पर 2013 के आंकड़ों में 23% लोग सर्दी खांसी जनित बीमारियों से प्रतिदिन वर्ष भर मरते हैं। डब्ल्यूएचओ ने अपनी साइट पर स्वयं लिखा था कि 10- 20 सालों से लगातार 10 लाख लोग अकेले मलेरिया से मर जाते हैं। हमारे देश की आबादी दुनिया की 15% है। तो डेढ़ लाख लोग मलेरिया से मरने की बात स्वयं डब्ल्यूएचओ स्वीकार करता है। फिर डब्ल्यूएचओ और दुनिया के सारे एलोपैथी के डॉक्टर हरामखोर मलेरिया का टीका तो ढूंढ नहीं पाए। जो सैकड़ों साल से धरती पर अपना तांडव कर रहा है। फिर फ्लू, वायरल, डेंगू, मोती जरा, इनफ्लुएंजा, निमोनिया, स्वास अस्थमा क्षय रोग जो सर्दी खांसी जन्य हैं। इनकी सबकी अलग-अलग जांचे अलग-अलग औषधियां, होती है।पिछले 22 मार्च 2020 से किस पिकनिक स्पॉट पर या ब्रह्मांड के किस ग्रह पर छुट्टी मनाने चले गए? जो अब नहीं हो रहे। उससे लोग मर भी नहीं रहे। बस , चांडाल राक्षसों के ओमीक्रान, करोना, डेल्टा से ही मर रहे हैं। करोना औमिक्रान डेल्टा यह सब नई बोतल में पुरानी शराब है। अपने हजारों करोड़ के प्रतिदिन मास्क बेंचने, सेनीटाइजर बेंचने, ऑक्सीजन, प्लांट, सीटी स्कैन मशीन एक्सरे मशीनें, स्टीम ऑक्सीमीटर, थर्मो गन, लाखों-करोड़ों टीके जिससे लाखों करोड़ की कमाई चीनी और अमेरिकी कंपनियों ने पिछले 22 महीने में कर ली है। अगले 10 साल तक के लिए मोटी कमाई करने का षड्यंत्र चल रहा है। इसको समझिए और भय मत बांटिये डरिए मत डराइए मत। जो सरकार उसके मंत्री आईएएस अधिकारी कर्मचारी डॉक्टर्स ₹35 के पेट्रोल को ₹120 में बैच के जनता को लूटते हो वह आप को मुफ्त में टीका लगाएंगे। यथार्थ में टीका लगाकर आपको जीवन भर के लिए दवाइयों का गुलाम बनाने व लूटने का षड्यंत्र है। अगर आप जिंदा रह गये तो। इसको समझिए।
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