बाल विवाह नहीं चलेगा पर बाल वेश्यावृत्ति जरूर चलेगी, जनता का ध्या्न भटकाने लड़क‍ियों की उम्र 18 से 21 करने

अजमेरा उवाच अक्ल के दुश्मन ज्ञान ध्यान अध्ययन कुछ भी नहीं करते यह हरामखोर पत्रकार और सत्ता के बिकाऊ भड़वे सच को भी अर्थ का अनर्थ करके जनता के सामने पेश करते हैं। सच्चाई से दूर बस टुकडखोर पत्रकारों को टुकड़े मिलते रहे वह सच को झूठ झूठ को सच बताने में ही अपनी धरती की यात्रा को सार्थक बनाने में लगे रहेंगे। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने बिल्कुल ठीक कहा। जब लड़कियां 12 साल की उम्र में रजस्वला होना शुरू हो जाती हैं। और 14-15 साल की उम्र में पहले भी मां बन जाती थी। फिर सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है, कि 24 घंटे टीवी मोबाइल इंटरनेट पर अश्लील सामग्री बांटने के बाद लड़कियों से उम्मीद करना कि वह 15 साल तक भी अपने शरीर की कामाग्नि को शांत करके बैठेंगी। बिल्कुल असंभव है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एड्स के बहाने फैलाया गया कंडोम बेचने का शिगुफा 24 घंटे गर्भपात करने की गोलियों के चलते विज्ञापनों का उद्देश्य क्या है? यही ना कि घर मत बसाओ। और यौनाचार के लिए कंडोम व गर्भपात गोलियों का उपयोग करते हुए मस्ती से जीवन की यौनाकांक्षाओं को पूरा करते रहो। फिर अय्याश मोदी व सारे भेडियो झुंड पार्टी और उसकी पितृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पाखंडी जालसाज सच ही समलैंगिकों का यौन कुंठित मानसिकता का पाखंडी संगठन है। वही तो चाहता है। की लड़कियों की शादी 16 की तो दूर १८ की में भी ना हो. और २१ की होने तक कुंवारी होने का पाखंड करती हुई, इन भुखेरों के साथ स्वच्छंद यौनाचार करती रहे। उसकी शादी होकर वह घर बसा कर शांति से समाज ना चलाएं। वहीं भूखे भेड़ियों का निवाला बनकर इनकी भूख शांत करती रहे। मैं पहले भी छाप चुका हूं। बाल विवाह नहीं चलेगा पर बाल वेश्यावृत्ति जरूर चलेगी। और यह पाखंडी चंदा खोर समलैंगिक हरामखोर जालसाजों का राष्ट्रीय पूंजीपति राक्षस स्वयंसेवक संघ के समूह को इस देश से मतलब नहीं देश की जनता और हिंदुओं की घटती व समाप्त होती जनसंख्या से मतलब नहीं। यह अपने पाखंड में भगवा राष्ट्र का राग अलापकर हिंदू संरक्षण का पाखंड करने वाले पूरे देश के हिन्दुओं को पिछले ८0 सालों से बर्बाद करने में ही विश्वास रखते हैं। जब अंग्रेज थे। देश में तब यह सूअर उनकी महिमा का बखान करते थे। और देश को आजाद करने से मना करते थे। आजादी के बाद सत्ता मिलने पर भेड़िया झुंड पार्टी के डरपोक भेड़िए यह सारे स्वयं हिंदुओं को नष्ट करके मुसलमानों को प्रोत्साहित करने, हिंदुओं से करों से लूटे धन से विभिन्न प्रकार की मुसलमानों को सरकारी सहायता कर उनको उठा कर आई ए एस, आई पीएस बनाने हिंदुओं को नष्ट करने में लगे हैं। जब सुदर्शन चैनल ने इसका खुलासा करना शुरू किया तो उस पर सर्वोच्च न्यायालय से रोक लगवा दी। आखिर क्यों हरामखोर जालसाजों? तो फिर हिंदू लड़कियों की 18 से शादी की उम्र 21 करने का क्या औचित्य है। अभी नया क्या हो गया और फिर हरामखोरों जालसाजो भेढ़िया झुंड पार्टी के नेताओं मूल मुद्दे किसानों के आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए नए-नए शिगूफों को छोड़ते रहना तुम्हारी बत्तमीजी पूर्ण एतिहासिक आदत है। जो सच बोलता है वह किसी भी पार्टी का हो सच को सच लिखना सीखो। तो हरामखोर पत्रकारों अगर अक्ल नहीं है तो अध्ययन करना तो सीख जाओ। सताओं का काम अपनी मौज मस्ती और लूट के लिए जनता को भ्रमित करके उलझाना ही रहा है और मीडिया उसका माध्यम। जो भडवागिरी करते हैं। उनकी इज्जत दूसरे तो क्या करेंगे और शीशे के सामने खड़े हो जाएं तो स्वयं अपनी इज्जत नहीं कर पाते। और जीवन यापन के लिए धन तो यदि प्रकृति ने आपको जीवन दिया है तो भोजन भी देगी और जीवन नहीं है। तो आप अरबपति भी क्यों ना हो मृत्यु तो निश्चित है। तो फिर जनता को भ्रमित कर अपने आप को महान बनने का फायदा, घर वालों से लेकर बाहर वालों और स्वयं जिनकी भरवा गिरी करते हो वह भी गाली ही बकते हैं। और खुले में जैसा कि कैलाश विजयवर्गीय ने सन 2006-7 में बोला था, या बोलते हैं पत्रकार झूठन चाटने वाले कुत्तों की गैंग है। तब कैसा लगता है? सत्तायें आएंगी और जाएंगी। आपका मान सम्मान आपकी अच्छाई और सच्चाई पर निर्भर करेगा यह समझिए। निवेदक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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