किसानों को ही नहीं ना केवल छोटे, मझौले, दुकानदारों, व्यापारियों, उद्योगपतियों, फैक्ट्रियों के मालिकों से लेकर जनता को भी इस कानून का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरना ही होगा।
-किसानों को ही नहीं ना केवल छोटे, मझौले, दुकानदारों, व्यापारियों, उद्योगपतियों, फैक्ट्रियों के मालिकों से लेकर जनता को भी इस कानून का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरना ही होगा। अन्यथा 9 महीने के पाखंड में आपने देख लिया इसके साथ ही जो खाद्य सुरक्षा मानक अधि. 2006 जो बनाया गया है किसानों की जमीनों को छुड़ाने का षडयंत्र का ठोस कानून वहीं से शुरु हो गया था। उस तेली का जो अडानी अंबानी का रखैल है। मूल उद्देश्य 100 करोड़ लोगों को भिखारी बना कर सब पूंजी पतियों के हवाले कर देना है। रेल, तेल, भेल, सेल, गेल, के साथ बिजली पानी सड़कें, नदियां, पहाड़ तालाब आदि सब को सौंपकर देश की जनता को गुलाम बना देना है। भाजपा के विधायक सांसद पूरे देश में किसान, छोटे व्यापारी उद्योग पति फैक्ट्री मालिक हैं और छोटे व्यापारियों उद्योग पतियों किसानों से ही उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिलते है। सबको चाहिए मोदी का और अमित शाह का बहिष्कार कर पूरी संसद में स्तीफो का ढेर लगा कर इन दोनों को बाहर करें अन्यथा आने वाली पीढ़ियां आर एस एस और भाजपा दोनों को वर्तमान में भी गालियां बक रही है और भविष्य में भी इनका सूपड़ा साफ कर देंगे धरती से। कब तक कर लोगे आप दुष्प्रचार और अपने आप को बचा लोगे। सच्चाई तो सामने आ ही गई है पेट्रोल ₹25 का 95रु बिक रहा है। चारों तरफ लूट का तांडव चल रहा है। कहां गए और 15लाख खातों में आने वाले, फिर घोषणा कर दी 18000 करोड किसानों के खाते में डाल दिए गए? कितने किसानों के खाते में पैसे आ गए। और यह लाली पॉप किसान की जिंदगी को कितने दिन मिठास देगा। इसलिए सबको सड़कों पर निकलना ही होगा अन्यथा 2014 के पहले जहां पहुंच चुके थे। वहां से नोटबंदी जीएसटी तालाबंदी से पीछे लौट रहे हैं। साडे 6 सालों से इसको समझिए। जिसके कारण 35करोड बच्चों का साल बर्बाद कर दिया गया। केवल पूंजीपतियों अदानी अंबानी टाटा बिरला के साथ अंतरराष्ट्रीय बिल गेट वॉलमार्ट अमेजॉन फ्लिपकार्ट के लिए। भारत में बोलो अमेरिका में, ब्रिटेन में अफ्रीकी देशों में बीमारी का दूसरा दौर आ गया है और ब्रिटेनं, अमेरिका व अन्य देशों में बोलो कि भारत में आ गया है।और इतने लाख इतने करोड़ लोग मर चुके हैं। इस दुष्प्रचार की आड़ में देश को लूट के बैच कर खा जाओ। लूटने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर कानून बनाओ। देश की संपत्तियों को लूट कर और जनता को भूख से बेरोजगारी से अशिक्षा से अकाल मृत्यु की सौगात देते रहो और चिल्लाते रहो हमने यह कर दिया हमने वह कर दिया। चांडालों के चंगुल से बाहर निकलो। आप भी धरती पर जीवित हो, दिमाग और दिल के साथ आप भी मानव के रूप में पैदा हुए हो। करो या मरो के इस सिद्धांत का पालन करते हुए अपना आज नहीं बचाया, तो पीढ़ियों का आने वाले बच्चों का कल अशिक्षा बेरोजगारी और भूख से जीवन अकाल नष्ट हो जाएगा। निवेदक प्रस्तुति एवं लेखक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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