सत्ता में रहकर अपने विपक्षियों, अपनी व्यक्तिगत शत्रुता को, अपने हिसाब से ना चलने वालों को, अपने सच को उजागर करने वालों को बहाने ढूंढ ढूंढ कर नष्ट करने का षड्यंत्र
अजमेरा उवाच सत्ता में रहकर अपने विपक्षियों, अपनी व्यक्तिगत शत्रुता को, अपने हिसाब से ना चलने वालों को, अपने सच को उजागर करने वालों को बहाने ढूंढ ढूंढ कर नष्ट करने का षड्यंत्र तो हर कोई करता है। यह लोकतंत्र की परंपरा रही है। अपने पास मामू कितना काला धन है और अपन चुनावों में कितने काले धन का दुरुपयोग करते हैं, सबसे बड़े भूमाफिया कॉलोनी माफिया, रेत व अन्य खनिजो झाबुआ में मैग्नीज, कटनी में, गोटेगांव जबलपुर, चूना व संगमरमर से लेकर सतना पन्ना रीवा छतरपुर आदि में हीरे तक अपने ही सैकड़ों नेता अवैध खनन, रेत माफिया वह तो स्वयं ही है आप, अपनी ही पार्टी में बैठे हुए हैं। उनके ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्योंकि वह आपकी पार्टी के हो फिर आपकी पार्टी तो वैसे भी बहुत कुख्यात हो गई है। कोई बड़े से बड़ा अपराधी भी यदि आपकी पार्टी की सदस्यता ले लेता है तो वह दूध का धुला हुआ पुण्य आत्मा बन जाता है। उसके फिर सारे पाप सारे अपराध क्षम्य हो जाते हैं। अपने पिछले 15 सालों में सत्ता में बैठकर कितने लाख करोड़ के घोटाले किये है कभी अपनी आत्मा से पूछा और कहां लेकर जाओगे? विदेशों में होटल खड़ी करोगे, और पूरे प्रदेश के अधिकांश विभागों में जो जिला स्तर पर या उससे नीचे के उपजिला स्तर पर अधिकांश विभागों में सभी प्रभारी व डाल रखे हैं इनसे मोटी कमाई हो रही है कहां जा रही है वह और क्यों प्रभारी में बैठाल रखे हैं। इंदौर देसी शहर में घोर धूर्त भ्रष्ट जालसाज प्रमोटी कलेक्टर मनीष सिंह को क्या वसूली के लिए नहीं बैठाला। जब 30 नवंबर से सारा देश खोल दिया गया था रात में भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया था तो आखिर इंदौर के से महानगर में रात का कर्फ्यू क्यों लगाया गया केवल वसूली के लिए। पदोन्नति देने के नाम पर तो सर्वोच्च न्यायालय की याचिका सामने कर दी जाती है पर पिछले 15 सालों से केवल प्रभार के नाम पर ही जो मोटी कमाई, कहां की जा रही है, चारों तरफ लॉकडाउन था पर अपनी कमाई दोनों हाथों से हो रही थी स्वास्थ्य विभाग से भी और अपने प्रमोटी कलेक्टरों प्रभारी सीएम एचओ के, जिले के अधिकारियों को प्रभारी के रूप में बैठा कर उसके माध्यमों से पूरे प्रदेश से मोटी बसूली आ रही है वह कहां जा रही है। वह सब एक नंबर का पैसा है। कर्मचारियों अधिकारियों को उनकी वेतन वृद्धि, महंगाई भक्ता और पुराना लंबित भुगतान नहीं दिया गया। क्योंकि सरकार के पास सामने से आने वाला पैसा नहीं है। मंत्रियों मुख्यमंत्री कलेक्टर कमिश्नर के पास सारा आपका पेट्रोल शराब के साथ स्वास्थ्य विभाग का महिला बाल विकास का नगर निगम पालिका ओं का पंचायतों का केंद्र व राज्य का जो धन आवंटित था वह सारा पैसा कागजों पर हजम किया जा रहा था। माई के लाल माफियाओं के लिए 10 फुट जमीन में गड्ढा खोदने से बेहतर होगा 100 फुट नीचे अपने लिए एसी रूम बनवा कर वहां रहो।
Other Sections - Organisations
 
Home | About Us | Organisations | Districts In M.P. | Divisions In M.P. | Local Bodies In M.P. | Universities | Advertise with us | Disclaimer | Contact Us | Feedback | Admin
Copyright © 2011-12 samay maya all rights reserved.