सभी केंद्रीय व राज्यों के सरकारी श्रमिक व अधिकारी संगठनों, पुलिस, सैन्यकर्मियों अर्द्ध सैन्य बलों को भी इस किसान आंदोलन में शामिल हो
सभी केंद्रीय व राज्यों के सरकारी श्रमिक व अधिकारी संगठनों, पुलिस, सैन्यकर्मियों अर्द्ध सैन्य बलों को भी इस किसान आंदोलन में शामिल होकर अपनी वार्षिक वेतन वृद्धि महंगाई भत्ते और लंबित भुगतान की मांग के साथ साथ पुरानी पेंशन बिल को लागू करने नए कर्मचारियों की सीधी भर्ती करने सरकारी कार्यालयों में ठेका व संविदा भर्ती प्रथा खत्म करने श्रम कानूनों के संशोधन को रद्द करने की मांग के साथ इस किसान आंदोलन को सहयोग देना चाहिए क्योंकि आप सभी किसानों से कहीं ना कहीं जुड़े हुए हैं। वह हमारा अन्नदाता है और यदि उसकी फसलें उसकी जमीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों पूंजी पतियों के हाथ में पहुंच गई तो आप जानते हैं कि आने वाले समय में आपका सारा वेतन बच्चों की पढ़ाई लिखाई तो दूर भोजन में हीं पूरा नहीं पड़ेगा। इसको समझिए।और सरकार को तत्काल नोटिस देकर सारे कर्मचारी अधिकारी श्रम संगठनों को चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र के सबको इस आंदोलन को सफल बनाने के साथ-साथ अपनी मांगों को यनवाने के लिए भी आंदोलन करना ही पड़ेगा। वरना सरकार 20-50 की आड़ में लगभग 50% कर्मचारियों अधिकारियों को बाहर करने की तैयारी में है। बात गहरी लंबी और महत्वपूर्ण है।तत्काल सारे श्रम संगठनों को एकत्रित होकर पूरे भारत को बंद करने में जो 14 दिसंबर को किसान आंदोलन में किया जा रहा है। शामिल होकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। इसके साथ ही सारी छोटे लघु उद्योगों छोटे व्यापारियों खुदरा व्यापारी ठेले वाले फुटपाथ वाले सभी विक्रेताओं को भी इस आंदोलन में किसानों के साथ आंदोलन मैं सहयोग करने के साथ देश के अंदर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शॉपिंग मॉल को बंद करवाने के साथ ऑनलाइन व्यवसाय को भी रोकने की मांग करनी चाहिए अन्यथा आप जानते हैं पिछले 6 सालों में ऑनलाइन और शॉपिंग मॉल के चक्कर में सारी छोटे व्यापारियों उद्योगों को अपना जीवन यापन करना और व्यवसाय बचाना बहुत मुश्किल हो चुका है। भेड़िया झुंड पार्टी की चांडाल मोदी सरकार ने 6 सालों नमें नोटबंदी जीएसटी के बाद 8 महीने के इस महामारी के पाखंड की आड़ में सारे फुटकर व्यवसाय उद्योगों के व्यवसाय खत्म करने का षड्यंत्र रच दिया है। और उसमें सबसे ज्यादा छोटे व्यापारी उद्योगपति मजदूर और आम जनता पिस रही है। यह समझ में आना चाहिए और आंदोलन को सफल बनाने में एकजुट पूरे देश में एकत्रित होकर इस भेड़िया झुंड पार्टी की सरकार को जो कि पूंजीपतियों के इशारे पर नाच कर देश को देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने पर तुली है जवाब देने के लिए बाहर आना ही चाहिए। अन्यथा अगले 4 सालों में मोदी देश को पूरा बर्बाद करके 95% आबादी को कटोरा थमा देगा। इसको समझिए। जैसे 4 महीने आप घर में बैठकर चुपचाप खून के आंसू पीकर बेरोजगार बैठकर भूख से चुप बैठे हैं। वैसे ही एक-दो दिन इस आंदोलन को सफल बनाने में भी लगाइए। तकी भेड़िया झुंड पार्टी की इस सरकार को जो ईवीएम की जालसाजी से चुनाव जीत कर बहुराष्ट्रीय कंपनी और पूंजी पतियों के लिए सारे देश के 8 महीने से 35 करोड लोगों को बेरोजगार बनाकर 30 करोड़ बच्चों को उनका साल बर्बाद करते हुए घर पर बैठा कर बर्बादी दिखा रही है। उसका जवाब देने के लिए छात्रों को भी बाहर निकल कर अपनी मांगे मनवाने श्रम कानूनों को खत्म करने सभी केंद्रीय व राज्य सरकार के सरकारी कार्यालयों में ठेका और संविदा नियुक्तियों को बंद कर सीधी भर्ती करने की मांग करनी चाहिए। और आंदोलन को पूर्णता सफल बनाने के साथ-साथ सारे सरकारी केंद्रीय व राज्य के कार्यालयों को बंद करना सारे बाजारों को बंद करना सारे उद्योगों को बंद करें। ताकि भेडियो झुंड पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को उनकी औकात मालूम पड़ सके। निवेदक व प्रस्तुति प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर
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