सर्वोच्च न्यायालय से लेकर हर आम व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता का हनन, कानूनी अपराध, भारत में गूगल, सभी मोबाइल निर्माता, सेवा प्रदाता, सेवा प्रदाता सभी ऐप, करते हैैं, उपयोग,
सर्वोच्च न्यायालय में हर व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता का हनन ....,..... कानूनी अपराध भारत के सर्वोच्च न्यायालय में हर व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता का हनन कर उसके फोन टेप करना, कानूनी अपराध होने के उपरांत भी भारत में गूगल व अन्य सभी मोबाइल निर्माता कंपनीयां सैमसंग विवो अप्पू जिओनी एम आई के साथ हर मोबाइल निर्माता कंपनी और मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी जिओ एयरटेल आइडिया वोडाफोन व अन्य कंपनियां, इसके साथ ही जितने भी ऐप मोबाइलों में इसमें कॉलर आईडी व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम टेलीग्राम, सभी प्रकार के गेम इन ऐप, सभी प्रकार के बैंकिंग एप्प जिसमें पेटीएम एटीएम भीम फोन पे, से लेकर वे सारी उपभोक्ताओं और जनता के उपयोग में आने वाले सारी मोबाइल सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस जो गूगल के माध्यम से डाउनलोड की जाती है जैसी घोर नीच चांडाल अमेरिकी, व हर मोबाइल एप्लीकेशंस चलाने प्रबंधन करने वाली हर कंपनी संस्था, सरकारी कंपनीयां, नगर निगम, पालिकायें, बैंक बीमा कंपनियां आदि हर व्यक्ति के न केवल टेलीफोन, उसकी कॉल डिटेल, उसके घूमने फिरने आने जाने खड़े रहने बातचीत करने आदि तक का, उसके फोन में पड़ी उसकी संपर्क सूची उसके आडियो, वीडियो, उसकी वीडियो कॉलिंग उसके लेनदेन उसके s.m.s. उसके व्हाट्सएप संदेश फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम आदि पर पर बातचीत का, सारे संदेशों भेजना व प्राप्त की जाने वालों का सारा रिकॉर्ड क न केवल रिकॉर्ड सजती हैं बल्कि आप के लेनदेन बातचीत उठने बैठने से लेकर भारत के आरोप गेट में आपकी सांसों की गिनती आपके स्वास्थ्य की स्थिति आप की लोकेशन आपके परिवार आपके बच्चे करने वालों की रिकॉर्डिंग के आधार पर उसकी सांसों की गिनती से लेकर उसके स्वास्थ्य की निगरानी तक करके यथार्थ में उसकी निजता का घोर उल्लंघन कर रही है और स्वयं इसमें भारत सरकार और भारत का घोर बिकाऊ पाखंडी मोदी तक ऐसी कंपनियों का आंख मीच के ना केवल साथ देते हैं बल्कि मोटी कमाई करवाने भारत की जनता का डाटा नीलाम करवा ने उनके खातों में डकैती होने तक का आंख मीच कर सहयोग कर रहे हैं पिछले 6 सालों से, यह सब ना क्यों भारत सरकार उसके दूर संचार मंत्रालय, उसके विधि, गृह, विदेश, उद्योग और वित्त मंत्रालय आदित्य को सारी जानकारी है कि किस प्रकार से भारत की जनता के साथ छल कपट करके सभी नागरिकों का डाटा उनकी आदतें उनके खाने पीने की, घूमने फिरने, बच्चों की शिक्षा, आने जाने आदि के सभी मोबाइलों से अप्रत्यक्ष रूप से बिना बताए एकत्रित किए जा रहे हैं। जबकि अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय और अमेरिकी गृह, विधी, रक्षा मंत्रालय भी हर व्यक्ति की निजी गोपनीयता को अनावश्यक रूप से जासूसी करने वालों करने पर उसको अपराध मानता है। और यह तथ्य हर व्यक्ति की अपनी निजी गोपनीयता को भंग करना जानकारी एकत्रित करके जासूसी कर के एकत्रित करना दुनिया के हर देश में यह कानून अपराध होने के बावजूद भी यह अपराध खुले रूप से ना केवल किया जा रहा है वरुण सारी मोबाइल कंपनियां मोबाइल बनाने वाली कंपनियां सारी एप्लीकेशन सेवाएं देने वाली इंटरनेट पर ऑनलाइन काम करने वाली कंपनियां भुगतान लेने देने वाली कंपनियां बैंक के सब खुलेआम उल्लंघन करके अपने ग्राहकों का उपयोगकर्ताओं का सारा डाटा चोरी करके नीलाम कर रहे हैं।आखिर इन कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय व प्रदेश के लेकर भारत सरकार स्वयं संज्ञान लेकर क्यों नहीं करती और कब तक नहीं करेगी? जब तक देश का हर नागरिक कटोरा लेकर भीख से भीख ना मांगे लगे और कंगला होकर सड़क पर दम तोड़ दे। तब तक यह हरामखोर चांडाल मोदी और उसकी बभेढ़िया झुंड पार्टी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गुलाम बनकर देश को बर्बाद करती रहेगी। इसे जनता समझे और एकत्रित होकर नागरिक कानूनों के उल्लंघन के आधार पर इसके विरुद्ध बड़ा आंदोलन ना केवल नगर प्रदेश देश बल्कि दुनिया में खड़ा किया जाना चाहिए और मोबाइल बनाने वाली सेवा प्रदाता कंपनियों और एप्लीकेशन बनाने बनाने वाली कंपनियों के मालिकों को चेतावनी देकर तत्काल रोका जाए और ना मानने पर उन्हें कड़ी सजा न्यूनतम 7 वर्ष की देकर उन कंपनियों को तत्काल पूरे देश और दुनिया में बंद किया जाए। इसे जनता को समझना ही होगा।वरना ना केवल वर्तमान पीढ़ी पर आने वाली पीढ़ी का भी तो यह जीना मुश्किल कर चुके हैं। और 18-19 में ही लगभग 70 लाख खातों में ना केवल डकैती डाली गई। जिस पर भारत सरकार का गृह मंत्रालय विदेश मंत्रालय वित्त मंत्रालय नागरिकों के हित में उनके खातों के डूबे हुए रु5 लाख करोड़ से ज्यादा की डकैती को नहीं लौटा पाया। तो कब तक चलेगा यह पाखंड देश और दुनिया में। उसको तत्काल रोका जाए वरना उन मोबाइल उत्पादक कंपनियों को बैंकों बीमा कंपनियों भुगतान लेने देने वाली कंपनियों सेवा प्रदाता कंपनियों के मालिकों कंपनियों के अधिकारियोंको तत्काल जेल में डाल कर जिंदगी भर के लिए सड़ा दिया जाना चाहिए। लेखक व निवेदक प्रवीण अजमेरा समय माया समाचार पत्र इंदौर www.samaymaya.com
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