70 साल से पूरी फ‍िल्म इंडस्ट्री पर मुस्ल‍िम आपराध‍िक ड्रगमाफ‍िया, वैश़्यावृत्त‍ि‍, जुआरी, डकैती, अड़ीबाजी वसुलीबाज गुंडों, आतंक‍ियों, माफ‍ियाओं के ग‍िरोह का न‍ि‍यत्रण ज‍िसको पुल‍ि‍स, नेेेेता, अध‍िकार‍ि‍योंं का संरक्षण
साल पूर्व जब बहुत छोटा था और फिल्मों में यह खेल फिल्म शोले से समझ में आया था। जब तेरा 14 साल का था तब से यह बात मैं ना कहना शुरू कर दी थी पर लोग मानते ही नहीं थे और पिछले 30 साल से स्पष्ट तौर से सारी फिल्मों पर पूरे फिल्मी उद्योग पर मुसलमान गिरोह का नियंत्रण उनके धर्म की वाहवाही के बारे में सरकार को भी लिखता रहा। परंतु यहां तो भेड चाल चलने वाले और जहां से धन मिले वहां से आप जो कर जो हो रहा है होने दो। की तर्ज पर देश चलाया जा रहा है। सन 2014 में मोदी के आने के बाद मैंने इस बात की ईमेल भेजें परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई आखिर सारी नायिका हिंदू होती है और उनका खुलेआम यौन शोषण होता है तभी उन्हें फिल्में मिलती हैं और यह बात आज से नहीं 1960 से देखी जा सकती है अधिकांश 1950 के बाद से सारे फिल्मी नायक मुस्लिम ही दम भरते रहे हैं और औरतें हिंदू होती हैं जिन्हें निम्नतम स्तर तक उपयोग किया जाता है सुशांत की हत्या भी इसी रंजिश का परिणाम है। जिसमें एनसीपी और कांग्रेसी नेता के साथ साथ आदित्य ठाकरे का भी नाम शामिल है। और यह शरद पंवार ही वह सुअर नेता हैं। जिसने अपनी मौज मस्ती अय्यासी और मोटी कमाई के लिए दाऊद को पाला पोशा बड़ा किया। सुशांत की हत्या को अंजाम देने के लिए जानबूझकर उन्होंने आदित्य ठाकरे को उपयोग इसलिए किया ताकि सारे मुस्लिम बचे और स्वंय मुख्यमंत्री अपने बेटे को बचाने के लिए उनको भी बचाता रहे। यह भी संभावित है की इस सडयंत्र में भी शरद पवार ने अपना खेल खेला हो। और सुशांत को हटाने के लिए इन तीनों आपराधिक मानसिकता के अरबाज सलमान व अन्य ने अपने को सुरक्षित करने ठाकरे को लालच दे फंसाया। इसमें सलमान अरबाज अपनी पिटती फिल्में और हिंदुओं का उठता नाम के बदले व रंजिश परिणाम है वह हत्या। ऐसा नहीं है कि मोदी और अमित शाह को इसकी खबर नहीं या था स्व संघ, शिवसेना को सब पता नहीं। पर हिंदू राष्ट्रवाद व हिंदू संरक्षण का पाखंड करने वाली भेड़िया झुंड पार्टी को मालूम नहीं पर वह भी वसूली में चिपके हुए हैं। क्या किया 6 साल में पूरे मुंबई पर इन्हीं माफी माफिया आतंकियों का साया है। और स्वयं मुकेश अंबानी, टाटा बिरला व सभी अरबपति उद्योग घराने बहुराष्ट्रीय कंपनियां हिंदुस्तान लीवर आईटीसी भी इनको चंदा देता है। क्योंकि कोई भी बड़ी कंपनी बड़ा आदमी बड़ा बिल्डर बड़ा फिल्मी की टी वी हीरोइन तो बिना इन गुंडों के सामने लेटे वहां काम करने की तो दूर मुंबई में रह नहीं सकती। आखिर क्या किया 6 साल में मोदी और उसकी आर एस एस के साथ ठाकरे की सरकार के पहले भाजपा की सरकार थी क्या सब वसूली और यौनाचार का आनंद ले रहे थे इसलिए चुप रहे थे। यह सच 90% बुद्धिजीवी और उच्च स्तर पर बैठे हुए अधिकारी नेता मंत्री आईएएस आईपीएस सब जानते हैं पर सब मौज मस्ती आईआरसी और मोटी कमाई के चलते सारे मुस्लिम आकाओं माफियाओं गुंडे बदमाश स्मगलर अड़ीबाज, अपराधियों हत्यारों डकैतों को पिछले 70 साल से पालते चले आ रहे हैं। और सलमान के केस में देख लिया कि सर्वोच्च न्यायालय और भाजपा सरकार भी नतमस्तक रहे। क्या कर लिया इन्होंने सारे सबूत सारे निर्णय सलमान के खिलाफ थे इसके बाद में भी रात में 2:30 बजे उसको सर्वोच्च न्यायालय ने 70 साल का इतिहास बदल खोलकर जमानत दे दी गई। समझो। हिंदू अंध भक्तों तुम्हारे को बचने के लिए एक ही चारा है। इकट्ठे हो सबको सबक सिखाओ तुम्हारी लड़ाई कोई भाजपा कोई कांग्रेस नहीं लड़ेगी। जबकि वही सर्वोच्च न्यायालय 4 महीने से कर रहा है। 140अरोड जनता को परेशान करने के लिए महामारी के पाखंड की आड़ में हजारों निरीह निम्न मध्यमवर्गीय मध्यमवर्गीय हिंदुओं की करोना में अस्पताल में भर्ती करवा कर हत्या की जा रही है।और उनके आंखें, लीवर, किडनी, हृदय, अंडकोष आदि तक सब निकाल कर बेच खाए जा रहे हैं। 100 करोड़ लोगों को बेरोजगार बना भूख से मारा जा रहा है तब सर्वोच्च न्यायालय के सारे कठपुतली जज मुंह में दही जमाई चुपचाप शांति से टुकुर-टुकुर ताक रहे हैं। जनता के धन से वेतन लेने वाले सारे पाखंडी हरामखोर आईएएस अधिकारी मंत्री देशभर में 4 महीने में मौतों का तांडव करवा रहे हैं। पर सब चुप है तो बॉलीवुड की इस गंदगी पर कैसे मुंह खोलेंगे। उल्टे ही हिंदू ओ तुम्हें बदनाम करेंगे तुम्हारे लोगों को मरवाएगी। यहां तक कि जितना अत्याचार ब्राह्मणों पर कांग्रेसियों, सपा और बसपा ने नहीं किया। उससे ज्यादा अत्याचार भाजपा ने 200 हिंदुओं की हत्या व मरवाने के साथ राम मंदिर मुद्दे से जुड़े कमलेश तिवारी अशोक सिंघल की हत्या करवा कर धृष्टता, दुष्टता और नीचता का परिचय दिया है। जिन पितृ पुरुषों ने भाजपा को खड़ा किया राम मंदिर के आंदोलन को पूरे देश में रथयात्रा निकाल कर जीवित जागृत और आंदोलन बनाकर सत्ता हथियाने का खेल खेला। वह इस कार्यक्रम में इस योग्य भी नहीं समझे गए कि उनको इसके भूमि पूजन में आमंत्रित भी किया जाता तो आपकी हमारी क्या औकात है? निवेदक
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