इंदौर भोपाल उज्जैन में मौसम के खराब होने से सर्दी खांसी बुखार के ज्यादा बीमार और अध‍ि‍कार‍ियों की लूट की मानस‍ि‍कता से बीमारों कीज्यादा संख्या
इंदौर में मौसम आत्यधिक खराब चल रहा है। इस अप्रैल के महीने में कड़ाके की धूप पड़नी व तापमान 40° से. से ज्यादा होना चाहिए। उस अप्रैल में बार बार बादल छाये रहकर वर्षा हो जाती है। जिससे चारों तरफ मच्छरों की बाढ़ आई हुई है पूरा प्रशासन दावे तो बहुत कर रहा है कि हम छिड़काव कर रहे हैं सैनिटाइज कर रहे हैं। पर उसके नाम पर केवल सारा छिड़काव और सफाई व मच्छरों को मारने का व साफ सफाई का कार्यक्रम कागजों पर चलाया जा कर करोड़ों रुपए हजम किए जा रहे हैं। यथार्थ में इंदौर भोपाल उज्जैन में मौसम के खराब होने से सर्दी खांसी बुखार के ज्यादा बीमार दिख रहे हैं। स्वाभाविक है। आमजन में कुछ लोगों को बदलते मौसम से सर्दी खांसी जुखाम से पीड़ित हो जाता है। फिर पूरी जनता जो आयोडीनयुक्त नमक, रिफाइंड सोयातेल के नाम पामोलीन, सब्जियों, फलों, अनाज आदि में कीटनाशकों का सेवन कर रही है। बुजुर्गों को तो ठीक युवाओं तक आंतरिक रूप कमजोर होने के कारण अनेकानेक बीमारियों का शिकार बना रखा है। उस पर यदि सर्दी, जुकाम, खांसी व बुखार हो जाये तो बस यहीं से सरकार के घोर भ्रष्ट स्वास्थ्य विभाग को महामारी के शिकार दिखने लग जाते हैं। फिर उनको महामारी चिल्लाने का मौका मिलने से ये तीनों शहर दुनिया में बदनाम हो रहे हैं। फिर जहाँ पर घोर भ्रष्ट, जालसाज, अय्याश, इंजीनियरिंग स्नातक वर्तमान का स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव सुलेमान खां जिसे केवल इस महामारी की आड़ में अरबों रू की खरीदी में मोटा कमीशन लूटने बैठाया गया है। फिर आखिर स्वास्थ्य विभाग में जहाँ हर पद पर ईमानदार डाक्टर होने चाहिये। वहां 10-10 आइ ए एस जो सभी सर्वगुण संपन्न काम क्रोध मद मोह पीड़ित हो ये इच्छाधारी अपनी सभी कामनाओं को पूरा करने शासन की पद अहंकार समय की सभी सुविधाओं का भरपूर उपयोग करने में अपनी प्रतिभाओं का उपयोग करते हैं। इसलिये जनता की पीड़ा जितना बढेगी ये प्रदेश के बेताज पर्दे के पीछे के चांडाल उतने ही खुश होंगे। आप आप इसको ऐसे समझिए कहने को कमलनाथ की सरकार थी उसके बाद शिवराज की सरकार आ गई यह पर्दे के पीछे के चांडाल वहीं की वहीं बैठे देश की सत्ता को अपने हिसाब से नचाते कूदाते वसूली करते और सारे सुखों का भोग करते हुए जीवन यापन करते हैं 35 से 40 साल तक सत्ता में इन्हें जनता के सुख-दुख से नहीं अपने सुख-दुख और भोग से मतलब होता है। जितने पीढ़ीतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। उतने ही ज्यादा आईएएस अधिकारी न केवल भोपाल से बल्कि दिल्ली से भी इंदौर में पहुंचा दिए गये। सब कोई काम नहीं करेंगे। पर कोई काम न करके भी दिखायेंगे। सारा काम इन्हीं ने किया है। ये पाखंडी भारतीय प्रताड़ना सेवा अधिकारी ही पूंजीपतियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कठपुतलियां देश की सरकारों की कठपुतली बनाकर जनता का हर तरह से शोषण करते हैं। यह सारा महामारी का तांडव कुछ नहीं को भी इन्हीं गिद्धों के गिरोह ने सब कुछ बताकर पूरे देश को बंद कर एक अरब से ज्यादा को भूख से मारने और मोटी कमाई करने के काम के पीछे यही नरभक्षीयों की फौज है।
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