भारत को दुनिया का उत्पादन केंद्र बन जाना चाहिए, चीन की कोरोना की बर्बादी में
प्रकृति ने और की कार्यप्रणाली प्राकृतिक एवं स्वचालित है। यहां हर अति का अंत होता है। वैसे ही चीन में कोरोना वायरस ने पिछले 40 50 साल से फैली हुई और चल रही चीन की व्यापार व्यवसाय हड़पो नीति, बर्बाद करो नीति, दुनिया में भरपूर हर माल का सस्ता निर्यात करो नीति ने चीन की सारी हेकड़ी, सारी होशियारी दुनिया पर कब्जा करने का मंसूबा कोरोना के बहाने सब का अंत कर दिया। पूरी दुनिया में अपने सस्ते माल के कारण करोड़ों उद्योग धंधे बंद करने के साथ अरबों लोगों को बेरोजगार बना दिया था। हडपो नीतियों से उसकी सीमा से सटे हुए देशों जिसमें भारत म्यांमार उत्तरी दक्षिणी कोरिया ताइवान जापान रूस पाकिस्तान सब को परेशान कर रखा था सारी चालाकियां कोरोना ने ध्वस्त कर दी। प्रकृति में किसी के नुकसान से किसी का फायदा होता है। चीन में ज्यादा आबादी का भरपूर फायदा उठाते हुए चीन की कम्युनिस्ट सरकार जिसे उसकी आबादी कीड़े मकोड़ों से ज्यादा कुछ नहीं लगती, ने अपने यहां अंतरराष्ट्रीय सभी श्रम कानूनों को समाप्त करके अपनी जनता को निचोड़ने के लिए दुनिया भर में फैले उत्पादन व्यवसाय जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, कंप्यूटर, खिलौने, वस्त्र, औषधियों, चिकित्सीय उपकरण, सस्ते कॉस्मेटिक, स्वचालित वाहनों व उसके कल पुर्जों, भारी मशीनों, से लेकर रक्षा सामग्री बंदूक से लेकर तोप टैंक और युद्धक विमानों तक के साथ उसके गोला बारूद, मिसाईलों, राडार उपकरण तक छोटे बड़े हजारों तरह के सामनों का उत्पादन करने लगा।उस के उत्पादन के लिए दुनिया भर के उत्पादकों को सस्ते श्रम सस्ती जमीने मुफ्त बिजली-पानी आदि की घोषणा कर का दुनिया का सबसे सस्ते और स्तरहीन, अविश्वसनीय हर प्रकार के माल का बड़ा उत्पादक देश बन गया। इसके कारण अमेरिका, फ्रांस, रूस, इजराइल, ब्रिटेन आदि के केवल उत्पादन चौपट करने से भी अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा। दूसरी तरफ भारत की 132 करोड़ की आबादी उसके लिए दुनिया भर का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। परंतु कोरोना वायरस ने उसकी उत्पादन क्षमता पर असर डालने के साथ में दुनिया के अधिकांश देशों ने भारत और अमेरिका के साथ व्यापार की गति को शिथिल कर दिया। अब भारत की मोदी सरकार के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। जबकि वह अपने देश में चीन से आयात होने वाले सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रिकल सामानों यथा कंप्यूटर मोबाइल उसके सभी सामान यथा हार्डडिस्क से लेकर मेमोरी कार्ड तक के हजारों किस्म के उत्पादन, खिलौने वस्त्र औषधि स्वचालित वाहनों के निर्माण, एवं उसके कल पुर्जों के निर्माण से लेकर रक्षा संसाधनों तक के सारे सामानों का उत्पादन अपने देश में बढ़ाकर पूरी दुनिया में निर्यात करने के लिए स्वतंत्र हो चुका है। उसके लिए अपने उत्पादन को पूरी दुनिया में बेचने के लिए अब सारे रास्ते सारे देश उनके बाजार स्वतंत्रता से बिना किसी सस्ते माल के प्रतियोगी विक्रेता के उपलब्ध हैं। भारत में भी सस्ता, शिक्षित, तन्मयता से उत्पादन करने वाला श्रम, सस्ता कच्चा माल, सस्ता प्रबंधन, प्रचूर विद्युत, जल एवं भूमि उपलब्ध है। कोरना की आड़ में चीन को चारों तरफ भयंकर पटकनी देकर उसे सभी क्षेत्रों मैं उत्पादन कर उससे बेहतर विश्वसनीय अच्छी गुणवत्ता का माल पूरी दुनिया में आपूर्ति कर अपनी अर्थव्यवस्था को पांच अरब करोड़ कि अपेक्षा 50 अरब करोड़ की बना सकता है। मोदी को देश की अर्थ व्यवस्था को अपने कृषि उत्पादन के साथ औद्योगिक उत्पादन को हर क्षेत्र में विकसित कर तत्काल इस लाभ का फायदा उठा पूरे देश की बेरोजगारी को दूर कर मजबूत बना लेना चाहिए।
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